Book Description »
ग़बन प्रेमचन्द के एक विशेष चिन्ताकुल विषय से सम्बन्धित उपन्यास है। यह विषय है, गहनों के प्रति पत्नी के लगाव का पति के जीवन पर प्रभाव। गबन में टूटते मूल्यों के अंधेरे में भटकते मध्यवर्ग का वास्तविक चित्रण किया गया। इन्होंने समझौतापरस्त और महत्वाकांक्षा से पूर्ण मनोवृत्ति तथा पुलिस के चरित्र को बेबाकी से प्रस्तुत करते हुए कहानी को जीवंत बना दिया गया है। इस उपन्यास में प्रेमचंद ने पहली नारी समस्या को व्यापक भारतीय परिप्रेक्ष्य में रखकर देखा है और उसे तत्कालीन भारतीय स्वाधीनता आंदोलन से जोड़कर देखा है। सामाजिक जीवन और कथा-साहित्य के लिए यह एक नई दिशा की ओर संकेत करता है। यह उपन्यास जीवन की असलियत की छानबीन अधिक गहराई से करता है, भ्रम को तोड़ता है। नए रास्ते तलाशने के लिए पाठक और श्रोता को नई प्रेरणा देता है।
Listening Duration | 10 hours and 58 minutes |
Author | Munshi Premchand |
Source or Publisher | PocketFM |
Language | Hindi |
Category | Novel (Upanyas), Stories |
00:00
00:00
We have neither downloaded the audiobook provided on HindiPDFBook nor uploaded it to our server in any way. This audiobook is already available to the user for free in Open Source. We have provided the links of these audiobooks at one place only for the convenience of the user. Additionally, links to its original source are also provided with each audiobook.
But even after all this, if any publisher / writer / narrator has any problem with any of their audiobooks on this platform, then you can inform us by the "REPORT CONTENT' option above. We will remove that audiobook from the website within a short time.